Published in the Sunday Navbharat Times on 27th July 2025
...डीझर्ट शब्द ‘डेसर्विर‘ से आया है जिसका अर्थ है ‘टेबल क्लियर करना’। फ्रांस में यह स़िर्फ भोजन खत्म करना भर नहीं है, बल्कि ये भोजन का एक ग्रँड फिनाले है...
‘मैंपहले दिल्ली में रहता था और वो शहर मुझे बहुत अच्छा लगता था, लेकिन मुंबई तो मेरी जान बन गयी है!‘ मुंबई में फ्रांस के कॉन्सुल जनरल श्री जॉन-मार्क सेरे-शार्लेट ये बात अपनी बेबाक हिंदी में कहते हैं। उस वक्त प्रतिष्ठित ताज महल पॅलेस होटल में मौजूद भीड़ में हँसी और तालियों की गड़गड़ाहट गूँज उठी। वो 14 जुलाई का दिन था - बस्टिल डे, और मैं वहाँ मेहमानों से घिरी हुई थी और हम सब वहाँ फ्रांसीसी चीज़ों, जैसे वहाँ की वाइन, संस्कृति, इतिहास और सबसे खास चीज़, भारत-फ्रांस के अटूट रिश्तों का जश्न मना रहे थे। दोनों देशों के राष्ट्रगान गाए जाने के बाद हम सबने एक स्वर में कहा, ‘विवा ला फ्रांस!‘ और इस तरह उस कार्यक्रम का समापन हुआ!
फ्रांस हमेशा से क्रांतियों का देश रहा है, लेकिन इसी के साथ ये देश रोमांस, ऱिफाइनमेंट और ‘ज़ोआ दे विव्र’ यानी जीवन के आनंद का भी रहा है, जो अपने जीवन के आनंद का जश्न मनाने की अनोखी क्षमता का नाम है। और मेरे लिए तो ये किसी जादुई अनुभव से कम नहीं है। पिछले 25 सालों में मुझे पॅरिस से लेकर प्रोवेंस तक, टूलूज़ से लेकर शामोनी तक, हर मौसम में इस खूबसूरत देश की यात्राएँ करने का सौभाग्य मिला है, और वहाँ की अपनी हर यात्रा में मुझे ऐसी यादें मिली हैं, जिन्हें मैं हमेशा सँजोकर रखूँगी।
एक देश, सबसे पहली वाली चीज़ों (और सबसे आखिरी वाली चीज़ों) का
मेरे जीवन की कुछ सबसे खास चीज़ें, जो पहली बार हुई थीं, वो फ्रांस में ही घटी थीं। बॉर्दो में मेरी पहली वाइन टेस्टिंग, जहाँ मैंने नोट्स, एरोमा और ग्लास को घुमाने की पवित्र रस्म को अप्रिशिएट करना सीखा था।
पहली बार मैंने वहाँ स्कीइंग की - शामोनी की बर्फ से ढकी ढलानों पर, गिरते हुए, हंसते हुए, और गिरकर फिर उठते हुए। शॅटू में मेरा पहला स्टे - जो लुआ वॅली में एक असली कॅसल है, जहाँ एक रात के लिए मुझे सचमुच ऐसा लगा कि मैं एक राजसी शख्सियत हूँ। और हाँ, पहली बार (और शायद आखिरी बार) मैंने पॅरिस के ल कॉर्डन ब्लू में मॅकरॉन बनाने की कोशिश की थी, अपनी बेटी सारा के साथ।
फ्रांस केवल एक डेस्टिनेशन भर नहीं है; ये एक ऐसा अनुभव है, जो आपकी पाँचों इंद्रियों को झंकृत कर देता है। मैं अपने आप को बेहद ख़ुशकिस्मत समझती हूँ, कि मैंने इसे वसंत में खिलते हुए देखा है, गर्मियों में इसके ताप को महसूस किया है, पतझड़ में गिरे सूखे पत्तों की करकराहट सुनी है और सर्दियों में वहाँ बर्फबारी के बीच गरमागरम चॉकलेट की चुस्कियाँ भी ली हैं।
तुलू : इंडिया की पिंक सोल सिस्टर
मेरे करियर के सबसे यादगार पलों में से एक पल वो था, जब वीणा वर्ल्ड को उसके द्वारा फ्रांस की सर्वोत्तम टूर आयटिनरीज् बनाने के लिए उसे फ्रेंच अम्बॅसेडर्स नॅशनल अवार्ड मिला था। इस पुरस्कार के अंतर्गत, मैंने तुलू से शुरुआत करते हुए फ्रांस के ऐसे इलाकों का स़फर किया, जो कम जाने-पहचाने थे। मुझे आज भी याद है कि मैंने सारा की ओर मुड़कर कहा था,‘यह तो अपने जयपुर जैसा है!‘- पूरा शहर गुलाबी टेराकोटा के रंगों में नहाया हुआ था। इसीलिए इसे ला विल रोज़ भी कहा जाता है।
टूरिज़म डिरेक्टर, निकोल ने खुले दिल से हमारा स्वागत किया और कहा, ‘बस खुले मन से आइए।‘ वह खुले दिल की गर्मजोशी हर जगह झलक रही थी - एयरबस ़फॅक्ट्री के टूर से लेकर वहाँ के विनयार्ड की इंटिमेट विज़िट तक। वहाँ वाइनमेकर ने जब मेरी नन्ही सारा को वाइन टेस्ट करवाने में मेरी झिझक देखी, तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई और उसने कहा ‘कम ऑन, यू आर इन फ्रांस! ए लिटिल बिट नेवर हर्ट‘। मैंने वहाँ यह जाना कि फ्रांस में वाइन केवल एक ड्रिंक ही नहीं है, बल्कि यह एक कल्चरल ट्रेडिशन भी है, जिसका आनंद बड़ी ही कुशलता और संयम से लिया जाता है।
लुआ वॅली में राजसी जीवन का आनंद
पॅरिस से कुछ ही घंटों की दूरी पर लोइर वॅली वहाँ मानो किसी परीकथा जैसी जीवंत हो उठी थी। हम अपने कॅसल-हॉपिंग ॲडवेंचर में शॅटू द शाम्बोर्ड और विलाँद्री के शानदार बगीचों तक पहुँचे। लेकिन इस सैर का सबसे मनमोहक हिस्सा क्या था? वो था एक छोटे से महल, पेटिट शॅटू में रात बिताना, जहाँ हमें ऐसा महसूस हुआ, जैसे हम वाकई कोई शाही मेहमान हैं। वहाँ के हॉल में किसी और सदी की कहानियाँ गूँज रही थीं, और आसमान के तारे ऐसे लग रहे थे, वे हमारे प्राइवेट ऑडिएंस हों।
शाँतियी में महल की सैर और भारतीय स्वाद: फ्रांस में मैंने जो पहला महल देखा, वह था पॅलेस ऑफ वर्साय, जो हमारे सामने अपनी भव्यता का अद्भुत प्रदर्शन करता है। गोल्डन गेट्स, हॉल ऑफ मिरर्स और वहाँ मौजूद विशाल बगीचे आपको सचमुच चौदहवें लुई के युग में ले जाते हैं। (टिप: यहाँ बहुत आरामदायक जूते पहनें, क्योंकि आपको उनकी ज़रूरत पड़ेगी!)
बाद में मैं एक कॉर्पोरेट ग्रुप के साथ शॅटू दे शाँतियी गई, जहाँ के शेफ़्स ने भारतीय व्यंजनों पर रिसर्च करके एक शानदार थ्री-कोर्स इंडो-फ्रेंच फ़्यूज़न मील तैयार किया था। पीस द रेस्त्रॉं, या कहें कि यहाँ का सबसे ख़ास व्यंजन? इस इलाके के ताज़ा शाँतियी क्रीम से बनी एक डेलिकेट डेज़र्ट। ये एक खूबसूरत एहसास था, जिसमें अलग-अलग संस्कृतियों के स्वादों का संगम था।
यहाँ मिठाइयाँ एक धर्म हैं!
फ्रांसीसियों ने मिठाई का आविष्कार नहीं किया, लेकिन उन्होंने इसे बहुत हद तक पऱफेक्ट ज़रूर बनाया है। डीझर्ट शब्द डेसर्विर से आया है जिसका अर्थ है ‘टेबल क्लियर करना’। फ्रांस में यह स़िर्फ भोजन खत्म करना भर नहीं है, बल्कि ये भोजन का एक ग्रँड ़िफनाले है।
ल कॉर्डन ब्लू में, सारा और मैं मॅकरॉन बनाने की क्लास में खूब मशक्कत कर रहे थे (और हँस भी रहे थे!)। फेंटते-फेंटते हमारे हाथ दुखने लगे थे, लेकिन जब हमने आखिरकार अपनी पेस्टल-परफेक्ट क्रिएशंस का एक पीस चखा, तो उसके चेहरे पर जो गर्व की चमक आई थी, वो अनमोल थी। आज भी मैं कभी-कभी खाना छोड़कर सीधे मिठाई खाने लग जाती हूँ - क्रेम ब्रुले, टार्ट टाटिन और ओपेरा केक के मामले में तो ये बनता भी है।
पॅरिस: केवल एक टॉवर से कहीं बढ़कर
हाँ, मैंने आयफेल टॉवर देखा है, सीन नदी में क्रूज़ का आनंद लिया है, और नॉत्र-दाम की भी सराहना की है। लेकिन इनके अलावा अगर हम पॅरिस के भीतरी इलाकों (मोहल्लों) में जाएँ, तो और भी बहुत कुछ है। ल मराय, जहाँ पक्की सड़कें और यहूदी बेकरियाँ हैं; मोफ्लमात्र, जहाँ कलाकार फुटपाथों पर चित्रकारी करते हैं; और साँ-जरमाँ-द-प्रे, जहाँ साहित्यिक दिग्गज कभी कॅफे में समय बिताते थे।
रांस कस्बे में, जो शहर से ज़्यादा दूर नहीं है, शॅम्पेन का अद्भुत आनंद है, क्योंकि यहाँ आप मशहूर शॅम्पेन सेलर्स का भ्रमण कर सकते हैं और गॉथिक कॅथेड्रल सीलिंग्स के नीचे टोस्ट भी कर सकते हैं। यहाँ शॅम्पेन के हर घूँट में इतिहास की चमक मौजूद होती है।
नॉरमंडी : जहाँ इतिहास फुसफुसाता है!
कोई भी किताब या फिल्म आपको नॉरमंडी के समुद्र तटों पर खड़े होने का अद्भुत एहसास नहीं करवा सकती। ओमाहा, जूनो, गोल्ड - ये नाम इतिहास में दर्ज हैं। नॉरमंडी अमेरिकन सेमेटरी में, जहाँ हरे-भरे खेतों में अंतहीन रूप से क्रॉस फैले हुए हैं, मेरा दिल भर आया।
पास ही एरोमांचेस और डी-डे म्यूज़ियम मुक्ति की स्मृतियाँ को संजोए हुए हैं। यह शांत, संयमी और शक्तिशाली है, और ये आपको शांति के लिए उस तरह से कृतज्ञ बनाता है, जैसा और कोई नहीं कर सकता।
समुद्र में एक महल: मों-सां- मिशेल: जब आप सोचते हैं कि आपने फ्रांस के सारे अजूबे देख लिए हैं, तभी आप मों-सां-मिशेल पहुँच जाते हैं, जो एक ऐसा अद्भुत मठ है, जो समुद्र से किसी स्वप्न की तरह उभरता सा दिखता है। हाई टाइड आने पर यह सचमुच एक आइलंड बन जाता है। यह एक ऐसी जगह है, जहाँ शांत विस्मय और स्थापत्य कला की अद्भुतता बिखरी पड़ी है। यह एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है,जो हर ट्रॅवलर की लिस्ट में जगह पाने का हकदार है।
शॉपिंग आ ला फाँसे
फ्रांस एक शॉपर्स पॅराडाइज़ है। ला वॅली विलेज (पॅरिस के ठीक बाहर) में आपको बेहतरीन ब्रँड्स बड़े रियायती दामों पर मिल जाएँगे - और अगर आप वीणा वर्ल्ड के साथ टूर कर रहे हैं, तो इसमें वीआईपी लाउंज एक्सेस और हँड्स-फ्री शॉपिंग भी शामिल है।
मैं हमेशा गॅलेरीज़ लफायत में रुकती हूँ, जो पेरिस के दिल में है। यह स़िर्फ ़फॅशन के लिए नहीं है, बल्कि शानदार रू़फ टॉप व्यू के लिए भी है। सूर्यास्त के समय सुनहरे रंग में नहाया पॅरिस ऐसा लगता है, जैसे यह शहर स़िर्फ आपके लिए ही पोज़ दे रहा हो।
मेरा दिल प्रोवेंस और कोट दी अज़ूर से जुड़ा है!: अगर मुझे यहाँ अपना कोई पसंदीदा इलाका चुनना हो, तो वो होगा PACA, या प्रोवेंस-ॲलप्स -कोट दी अज़ूर। फ्रांस का यह दक्षिणी इलाका किसी चित्रकार की कलात्मकता का जीवंत रूप है। कोट दी अज़ूर, या फ्रेंच रिवेरा शब्दों से परे अद्भुत है। ये एक बेहतरीन और दिलकश कोस्टल सिटी है, जहाँ से आप इस पूरे इलाके में भ्रमण कर सकते हैं, जिनमें एज़, मोनॅको और लॅवेंडर की खुशबू वाले ग्रामीण इलाके शामिल हैं।
एज़ में मैंने सीखा कि परफ्युम कैसे बनाया जाता है। केवल इतना ही नहीं, मैंने यहाँ अपना खुद का सेंट भी ब्लेंड किया। मोनॅको में मैंने समुद्र के किनारे ब्रंच का मज़ा लेते हुए चमकती याट्स को निहारा।
और लुबेरॉन में जून के खत्म होने से लेकर अगस्त की शुरुआत होने तक, यह इलाका लॅवेंडर के खिलते हुए खेतों के साथ बैंगनी रंग में बदल जाता है, जो सचमुच एक सेंसरी डिलाइट है।
फ्रांस मेरे लिए कभी भी चेकलिस्ट डेस्टिनेशन भर नहीं रहा। यह एक ऐसा देश है, जहाँ मैं बार-बार लौटती हूँ, हर बार नए फ़्लेवर,हर बार कोई हिडन टाउन, और कोई गहरा इमोशन मुझे मिलता है। यहीं मेरी बेटी और मैं बर्न्ट मॅकरॉन खाते हुए एक-दूसरे के करीब आए,यहीं मैंने पुराने पत्थरों में इतिहास की साँसों को महसूस किया, और यहीं मैंने सीखा कि स़फर करने या घूमने-फिरने का मतलब जगहों को देखना भर नहीं होता है, बल्कि उन्हें महसूस करना भी होता है।
तो मेरा आपसे एक सवाल है - आपको फ्रांस के इश्क में मशगूल होने से कौन रोक रहा है? तो चलिए, हम बॉनज़ुर (सुप्रभात) और मर्सी बोकु (बहुत-बहुत धन्यवाद) बोलने का अभ्यास शुरू करें, और खोजें हमारा अपना ज़ोआ दे विव्र!
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