नाम बड़े और दर्शन छोटे

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‘अब यहाँ भी हम ही लीडर बन गए?’ सुन्न हों के सर पकड़ के हम सब बैठे हुए थे तभी विभुती के इस सवाल से ऐसे माहौल में भी हलकी-सी हँसी की लहर उमड़ आयी. नौ मार्च देर रात को हमारे टूर मैनेजर मेघराज को पुणे के नायडू हॉस्पिटल से फोन आया, ‘आप जो टूर लेके गए थे उस टूर के तीन लोग कोरोना पॉजिटिव निकले है. इस टूर के सभी पर्यटकों की सूची हमें चाहिए’. मेघराज ने कॉल करके विवेक कोचरेकर को जगाया और हम आठ दस लोंग कोन्फेरंस कॉल पे इकट्ठा हुए. फिर हमारी गेस्ट रिलेशन मैनेजर इशिता शाहने डॉक्टर को कॉल लगाया. एक मार्च को वापस आयी हुई चालीस लोगों की टूर वीणा वर्ल्ड की ही थी तो ये फोन कॉल निन्यानवे प्रतिशत सच ही होगा इसका एहसास कही न कही था फिर भी एक प्रतिशत उम्मीद थी की शायद ये फोन कॉल झूठ निकले और बाद की नौबत ही ना आये. क्योंकि अब तक हमारी आँखों के सामने कल सारे टिवी चैनल्स, अख़बार, सोशल मीडिया पर वीणा वर्ल्ड का नाम उछालती हुई न्यू़ज़ का नज़ारा दिख रहा था. डॉक्टर से फोन पर बात हुई, ख़बर सच निकली. सारे पर्यटकों की सूची और टूर का पूरा कार्यक्रम इशिता ने पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के डॉ. वावरे को भेज दिया. हमें रातभर जिन खबरों की आशंका थी वो सुबह होते ही चैनेल्स पर दिखने लगी. महाराष्ट्र में कोरोना लेके आने वाला सबसे पहला पेशंट वीणा वर्ल्ड के दुबई टूर से आया था और ये टूर चालीस लोगों की ग्रुप टूर थी. यही ख़बर सभी न्यूज़ चैनेल्स ने पुरे दो दिन तक चलायी. हालांकि ज़्यादातर अख़बारों ने हमारा नाम नहीं लिया फिर भी ये ख़बर ही इतनी जबरदस्त थी की महाराष्ट्र से जुड़ें दुनिया के सभी लोगों को ये पता चल ही गया.

इसके बाद के दो हफ़्ते हमारी पूरी टीम के लिए बड़ी मुश्किल थे. कौनसा टिवी चैनेल वीणा वर्ल्ड का नाम बार बार दिखा रहा है, सोशल मिडिया पर कौन क्या बोल रहा है ये सब जानकारी एकदूसरे को देने में ही पूरी टीम व्यस्त थी. उन्हें इस चिंताजनक हताश मनोवस्था से बाहर निकालना बहोत ज़रूरी हो गया था. वैसे वों सभी अपनी जगह सही थे क्योंकी सात सालों में ज़ी जान लगा के उन्होंने भारतीय पर्यटकों के लिए वीणा वर्ल्ड जैसा मज़बूत ब्रैंड बनाया था, ये बार बार दिखने वाली ख़बरें उसी पर कीचड़ उछाल रही थी.

ख़बरे देखना बंद कर दो, सोशल मीडिया पर मत जाओ, जो कुछ बिगड़ना था वो अभी बिगड़ चूका है अभी दिल छोटा मत करो… ऐसी सब बातें जो मैं उन्हें बता रही थी उनका कोई मतलब नहीं है ये मैं भी जानती थी. इस सबके बीच में किसी समाजकंटक ने गंदा मज़ाक किया और हमने हॉस्पिटल को दियी हुई हमारे पर्यटकोकी नाम की गुप्त सूची उनके डॉक्टर्स और अधिकारीयों से छुपाते उनकी जानकारी बिना व्हायरल कर दी.
ये कितना बड़ा पाप है इतना भी उसके दिमाग में नहीं आया होगा? यह सूची वायरल होते ही इस टूर के जितने भी पर्यटक थे उनको इतनी बड़ी मानहानी का सामना करना पड़ा जिसका दुःख और मानसिक अशांति तो कोरोना विषाणु से भी ज़्यादा भयंकर थी. जैसे की टूर पर जाके उन्होंने कोई बहोत ही बड़ा गुनाह किया हो. टिवी और अख़बारों में उन्हें बहिष्कृत करने की खबरें दिखाई जानेपर तो इस अपराधिपन के बोझ के नीचे दिनबदिन हम दबतें चले जा रहे थे.

जब ये बात बढ़ गयी तभी पुना डिविज़नल कमिशनर श्री. दीपक म्हैसेकरजी ने बहोत ही बढ़िया काम किया और एक पत्रकार परिषद लेके ऐसे सूची व्हायरल करने वाले पर सख्त कारवाई करने की घोषणा की और गलत ख़बरे और अफवाए फैलाने वालों पर हमारी कड़ी नज़र रहेंगी ऐसी डांट भी लगायी.

अब तक हमारे टूर के आठ लोगों को कोरोना पॉज़िटिव घोषित कर दिया गया था और पुरे देश में कोविड-19 में महाराष्ट्र अव्वल नम्बर पर पहुँच गया था. अब सभी को फ़िक्र होने लगी थी. उसी महिने में हमारी बहोत सारी टूर्स दुबई जाके आयी थी. सैंकड़ो लोंग टूर का आनंद लेके लौटे थे. सिर्फ इसी टूर के पर्यटक ही पॉज़िटिव क्यों है इस बात का अंदाजा हम भी नहीं लगा पा रहे थे. माननीय मुख्यमंत्री श्री. उद्धवजी ठाकरेने भी बड़ी अनुकंपा और सहानुभूती के साथ बातचीत की… अभी और कितनी टूर्स चल रही है? कितने पर्यटक देश से बाहर है? इसकी जानकारी लेकर भारत लौटने पर पर्यटकों को सावधानीपूर्वक अच्छी तरह से अपना ख्याल रखने की सुचनाएं दी और ये भी सूचित किया की महाराष्ट्र के प्रिंसिपल हेल्थ सेक्रेटरी श्री. प्रदीप व्यासजी से संपर्क बनाये रखे.

इसके बाद एक और मुसीबत आ गयी…. स्थानिक अधिकारी महाराष्ट्र के हमारे और अन्य पर्यटन संस्थाओं के ऑफिसेस में आके ‘फरवरी और मार्च के महीनों में हुई विदेश यात्राओं के पर्यटकों की सूची और संपर्क की जानकारी तुरंत दे दो वरना हम क़ानूनी कारवाई करेंगे’ ऐसे बताने लगे. वैसे देखा जाये तो वो उनका कामही कर रहे थे,
कोविड-19 को रोकना उनकी जिम्मेदारी थी और उन्हें सहयोग देना हमारे लिए आवश्यक था बल्कि हमारी कर्तव्यपूर्वक जिम्मेदारी थी. लेकिन हमने पहले दी हुई लिस्ट वायरल होकर हमारे पर्यटकों को कठिन मानसिक अशांति का सामना करना पड़ा था. इसीलिए मन में ये डर था की कही ये लिस्टस् भी वैसे ही वायरल हो गयी तो? दिमाग सुन्न हो गया था, फिर हमने श्री. प्रदीप व्यासजी से बात करके सारी हकीकत बयाँ की. हम जानते थे की उन सब पर बहोत ज़्यादा तनाव है, फिर भी उन्होंने कहा,
‘पर्यटको के नामो के लिस्टस् मिलना तो हमारे लिए आवश्यक है, पर आप वो मेरे पास भेज दीजिये, और उन अधिकारीयों से कहो की उन्हें जो कुछ चाहिए, वो मेरे कार्यालय से दिया जाएगा.’ उनके कहने पर हमने शहरों के हिसाब से अलग अलग सूचियाँ बना के उन्हें सौंप दी.

इस तनावभरे माहौल में जहाँ एक तरफ वीणा वर्ल्ड का नाम गलत वजह से मशहूर हो रहा था और हमारे पैरों के नीचे की जमीन फिसल रही थी वही दूसरी तरफ़ आदरणीय मुख्यमंत्रीजी के फोन कॉल से एक राहत मिल गयी. प्रिंसिपल हेल्थ डिविज़न कार्यालय और पूना डिविज़नल कमिशनर कार्यालय से मिलते हुए सहयोग से हमारा मनोबल बढ़ गया.

इसी बीच, ‘वीणा वर्ल्ड महाराष्ट्र में कोरोना लेके आया, उन्हें बहिष्कृत करना चाहिए’, ‘उनको अच्छे से सबक सिखाना चाहिए’ ऐसी ख़बरे सोशल मीडिया पर हंगामा मचा रही थी. हेमराज नाम के किसी व्यक्ति ने तो ‘कमीने है साले….’ ऐसे खुद के नाम से फेसबुक पर पोस्ट डाली. हैरानी बात तो ये है की ये व्यक्ति उसकी फेसबुक पेज पर दियी हुई जानकारी के अनुसार मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेअर्स – गव्हर्नमेंट ऑफ़ इंडिया में काम करती है. जहाँ एक तरफ सरकारी व्यवस्था हमें समझ के सहयोग दे रही थी वही एक जिम्मेदार कार्यालय में काम करने वाली व्यक्ति ऐसे सब कैसे लिख सकती है इसका बुरा भी लग रहा था. इतनी ज़्यादा नफ़रत किसी के दिल में क्यों होती है? ये गुस्सा वीणा वर्ल्ड के लिए था, या औरों की सफ़लता से लगती ईर्ष्या या फिर विदेश यात्रा करने वाले लोगों के लिए जलन? इन्ही सब घटनाओं के चलते कभी कभी उम्मीदों के दिये बुझे जा रहे थे तो कभी कभी कुछ अच्छा भी हो रहा था. हमारे जो पर्यटक हॉस्पिटल में थे उनकी तबियत में सुधार आने की ख़बरें मिल रही थी. हमारी माननीय महापौर श्रीमती किशोरी पेडणेकरजीसे जान पहचान हो गयी. अबतक उनके पास हमारे खिलाफ बहोत सारी शिकायते आयी थी. किसी भी शिकायत का फैसला करने से पहले वो शिकायत जिनके बारे में है उन्हीं से बात करके वो सुलझाने का उनका तरीका बड़ा अच्छा लगा. हमने उन्हें वीणा वर्ल्ड ही नहीं बल्कि हर एक पर्यटन संस्था, विमान कंपनियाँ, अभी के आपातकालीन हालातों में उन्होंने लिए हुए फैसले, हर छोटी बड़ी पर्यटन संस्था अपनी अपनी तरफ से कर रही
रोजगार उपलब्धियों के बारे में सारी जानकारी दी. और उन्हें हमने वीणा वर्ल्ड के द्वारा प्रसारित की गयी सार्वजनिक सूचना भी दिखाई. हमने टूर स्थगित/विलंबित करने के लिए एक साल का यानि इकत्तीस मार्च दो हज़ार इक्कीस तक का समय भी दिया है वो भी ओरिजनल टूर किमत के वादे के साथ.

अभी तक खर्च हुए और अटके हुए पैंसों के साथही नॉमिनल टूर ट्रांसफर चार्जेस लगाके बची हुई रक़म पर्यटकों के क्रेडिट शेल में जमा कर दी गयी है. फ़िलहाल तो सभी कुछ बंद ही है लेकिन थोड़े दिनों बाद सब फिर से खुलेगा तभी इन चार्जेस में कुछ और परतावा मिला तो उसे भी पर्यटकों के क्रेडिट शेल में जमा कर दिया जायेगा. ये सब जानने के बाद उन्होंने कहा ‘मेरा भी यही कहना है की रिफंड ज़रूरी नहीं लेकिन आगे चल के बहोत ज़्यादा पैसे खर्च किये बिना यही टूर करने की सुविधा मिलनी चाहिए.’

उन्होंने जिस व्यक्ती ने उन्हें व्हाट्सऐप फॉरवर्ड किया था उनका नंबर भी दिया, उस व्यक्ति से भी मैंने बात की, ये श्री. लक्ष्मण सानप नाम के हमारे एक शुभचिंतक है, मेरा लिखा हुआ कुछ अगर उन्हें पसंद आये तो वो ईमेल करते है. उन्होंने कहा मेरी टूर थी मार्च में, टूर जाएगी की नहीं इस बारे में चिंता (अँन्जायटी) थी, आपके कार्यालय में कॉल किया तो उन्होंने बताया की टूर ऑन है और अगर आपने कैंसल की तो इतने पैसे कटेंगे. तो मैंने कहा, “क्या गलत कहा उन्होंने, अँन्जायटी तो पुरे दुनिया में छाई हुई थी और अभी भी है. नॉन अफेक्टेड देश हमारे यहाँ सबकुछ ठीक है आप यहाँ आ सकते हो ऐसे ही बोल रहे थे. हर एक एयरलाईन जब तक फ्लाईंग ऑन है तब तक कैंसलेशन चार्जेस पुरे लगेंगे ऐसेही बोल रही थी. ऐसे हालातों में हम भी पर्यटकों को यही जानकारी दे रहे थे. हर तरफ़ हड़बड़ाहट भरा माहौल था. इसी वर्ष ओलिम्पिक अपने देश में ही हों इसीलिए जापान ने कितनी सारी कोशिशे की ये हम सबने देखा है. अमेरिका जैसी महासत्ताने इसे पहले कितना लाइटली लिया इसका भी अनुभव हमने लिया. ब्राज़ील अभी तक इसे छोटासा इन्फ्लूएंजा मान रहा था.

ऐसे हालात पहले कभी नहीं थे और पूरी दुनिया में ही घबराहट मची हुई है. अभी भी एयरलाईन्स पैसे वापस ना देकर फ्यूचर के लिए क्रेडिट शेल में रख रही है. कईयों ने इसके पुनः इस्तेमाल के लिए इकत्तीस जुलाई 2020 तक का समय दिया है तो कईयों ने सितम्बर या दिसंबर तक. उपर से उन्होंने उस समय का फेयर डिफरंस भरना पड़ेगा यह भी स्पष्ट किया है. इसके बावजूद भी हमने सालभर में उसी यात्रा शुल्क में यात्रा देने की जिम्मेदारी ली है. यह सब हमने 17 और 18 मार्च के अख़बार में प्रसारित सार्वजनिक सुचना क्रमांक 2 (पब्लिक नोटीस नं 2) में लिखा है. हम हमारे पर्यटकों के लिए जो अच्छा है वही करेंगे इतना भरोसा कीजिये और इसीलिए तो पर्यटक हमसे इतना प्यार करते है. फरवरी-मार्च के महिने में सबसे ज़्यादा भारतीय पर्यटक वीणा वर्ल्ड के साथ घूम के आये ये इसी प्यार का नतीज़ा है. जो नहीं जा सके उन्हीं में से एक आपकी फैमिली है. भविष्य में जब हालात सुधर जायेंगे तभी आपकी टूर उतनी ही आनंदमय होगी इसका भरोसा कीजिये.” श्री. सानप के साथ देर तक बातचीत हुई. ये पूरी बातचीत यहाँ इसीलिए विस्तार में बतायी ताकि जिन सारे लोगों के मन में यही बातें चल रही होंगी उनके लिए यह बातचीत काम आयेगी.

अप्रैल और मई ये दो महिने पर्यटन व्यवसाय और हमारे लिए सबसे व्यस्त दौर होता है. वीणा वर्ल्ड की पूरी टीम पुरे जोरशोर से दिनरात मेहनत करती है. गर्मी की छुट्टीयाँ शुरू होते ही हररोज वीणा वर्ल्ड की सौ से भी ज़्यादा टूर्स मुंबई एअरपोर्ट से देश विदेशों के लिए निकलती है. हमारे टूर मैनेजर पर्यटकों को उनके ड्रीम डेस्टीनेशन ले जाकर उन्हें उनकी ख़ुशियाँ देने के लिए बडे बेक़रार होते है. उनके लिए साल के ये सबसे महत्वपूर्ण महिने होते है. 2020 साल की एकदम धमाकेदार रेकोर्ड ब्रेक शुरूआत के बाद कोविड-19 ने सारी टूरिज़म इंडस्ट्री, होटल इंडस्ट्री, एव्हिएशन इंडस्ट्री इन सबको पूरा तबाह कर दिया है और अभी तो सभी इंडस्ट्रीज इसकी शिकार बन चुकी है. ऐसे हालातों में गर्मियों की छुट्टीयों की टूर्स हमारे सरकार की या जिस देश में जाना है वहाँ के सरकार की एडवायज़री आने से पोस्टपोन करनी पड़ रही है. हमने हमारे सार्वजानिक सुचना के माध्यम से यह जानकारी सभी तक पहुंचाई और फिर हमारे यहाँ लॉकडाउन के बाद सारे टूर्स के पर्यटकों से कम्युनिकेशन की युद्धस्तरीय शुरूआत की. आज भी हमारी बहुत बड़ी टीम मर्यादित साधनसामग्री में घर से काम कर रही है और पर्यटकों से बातचीत कर रही है.
सारांश यह है की लाखों पर्यटकों और टूर मैनेजर्स के समर वेकेशन के सपने चूर चूर हो गए है.

लेकिन हमारा मार्च मैनिया अभी ख़तम नहीं हुआ था. और एक वजह से वीणा वर्ल्ड फिर से सोशल मिडिया पर छा गया. मार्च में टूर पर गए हुए एक व्यक्तिने, जो सेवानिवृत्त ज़िला न्यायाधीश और ज़िला ग्राहक मंच पूना के भूतपूर्व अध्यक्ष है, उन्होने ‘नाम बड़े और दर्शन छोटे’ इस नाम से एक पोस्ट डाली. यह पोस्ट इतनी वायरल हुई की कई पॉलिटीशिन्स, हमारे पर्यटक, शुभचिंतक और रिश्तेदारों ने हमें ये पोस्ट भेज दी. किसीने पूछा ‘क्या ये सच है?’, किसीने कहा ‘बचके रहना’, किसीने कहा ‘हमें वीणा वर्ल्ड पर पूरा भरोसा है.’ लेकिन ये पोस्ट इस प्रकार लिखी गयी थी की वीणा वर्ल्ड पर भरोसा करने वाले लोगों के मन में भी शक पैदा हो. ये पोस्ट वीणा वर्ल्ड के सबसे ज़्यादा लोकप्रिय सिंगापूर थायलंड मलेशिया टूर के बारे में थी. हजारों पर्यटकों ने ये टूर का इस कदर आनंद लिया है की ये टूर फेल होना नामुमकिन है. बड़े आराम से ये टूर चल रही थी, सभी पर्यटक खुश थे. सभी पर्यटन स्थलों की सैर कार्यक्रम के अनुसार चल रही थी. मलेशिया घूमकर आखरी तीन दिनों के लिए सिंगापूर की तरफ़ ये टूर निकल पड़ी थी तभी अचानक ख़बर मिली की सिंगापूर ने बॉर्डर्स सील (बंद) करना शुरू किया है. नो एन्ट्री. ऐसे हालात में एयरलाइन्स की सहयोग से हम ये टूर बिना सिंगापूर के मुंबई में वापस लेकर आ गए. बाकी बचे सिंगापूर का क्या कर सकते है इस बारे में हमने हमारे सिंगापूर पार्टनर्स की सलाह मांगी. इसी वक्त हमारी न्यूज़ीलैंड टूर भी चल रही थी. उन्हें भी हम ज़्यादा पैसे खर्च करके बड़ी मुश्किलों का सामना करके 22 मार्च को इंटरनैशनल फ्लाईटस बंद होने से पहले ही व्हाया दिल्ली मुंबई लेकर आये. इनमें से कई बुजूर्ग पर्यटकों को सावधानी के तौरपर दिल्ली में ही रुकना पड़ा. इस टूर के हनीमून कपल श्री. गंधार द्विग्रजकर की शब्दों में बताये तो उनका कहना था की, ‘पूरी दुनिया में कोरोना के ही चर्चे थे लेकिन हम बेफ़िक्र थे क्योंकि हम वीणा वर्ल्डके साथ थे.’ और हमने लॉकडाउन से पहले उन सबको भारत में लाने का हमारा कर्तव्य भी निभाया.

तो इस सिंगापूर के वायरल हुए और वीणा वर्ल्ड के बदनामी के उद्देश्य से लिखे इस पोस्ट में उस व्यक्ति ने ये लिखा है की, झी-24 तास चैनेल पर ये दिखाया गया की वीणा वर्ल्ड के साथ दुबई गए हुए पर्यटक की कोरोना वायरस से मौत हो गयी है. जो व्यक्ति ज़िला न्यायाधीश तथा पुने ज़िला ग्राहक मंच में काम कर चुके है उसने किसी पर भी इल्जाम लगाने से पहले उसकी छानबीन करना ज़रूरी नहीं है? लोगों का भरोसा जीतने के लिए उसने वीणा वर्ल्ड के यात्री को सीधा मार ही डाला? ऐसी अफवाए फैलाने वालों पर कड़ी कारवाई होनी चाहिए. कोरोना से किसी की भी जान ना जाये यही प्रार्थना भगवान से करते हुए मैं ये बताना चाहती हूँ की, ‘वीणा वर्ल्ड के उस दुबई टूर से आये सभी चालीस पर्यटक और बाकी टूर्स के भी सभी पर्यटक एकदम सही सलामत है. और सबसे पहले तंदुरुस्त हुए हमारे पर्यटक पर उसके हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के दिन झी टीवी ने बड़ी अच्छी डॉक्यूमेंटरी बनायीं है.’ मशहूर होने के लिए और वीणा वर्ल्ड को बदनाम करने के लिए एक ज़िम्मेदार व्यक्ति इतनी नीचे गिर सकती है? जब हमने इस बारे में उन्हे अधिकृत पत्र लिखा तभी उन्होंने, ‘अभी लॉकडाउन है और मैं 19 मार्च से 12 अप्रैल तक क्वारंटाइन हूँ,
14 अप्रैल के बाद देखते है.’ ऐसे दो लाइन्स में जवाब भेज दिया.
उसके बाद हमने दूसरा पत्र भेजकर सफाई माँगी तब भी फिर से होम क्वारंटाइन का बहाना बनाके, ‘…I have no personal grudge against anybody previously I went to Manali tour through Veena World alongwith my family…’ ऐसा जवाब दे दिया? इस पोस्ट ने वीणा वर्ल्ड का कभी ना भरनेवाला नुकसान हुआ है उसका क्या? हमारे वीणा वर्ल्ड परिवार के हजारों टीम मेंबर्स के मनोबल को ठेस पहुंचाई है उसका क्या?

किसी भी उद्योग को खड़ा करने में, कई सारे लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के पीछे कई सालों की कड़ी मेहनत होती है, अपार कष्ट उठाने पड़ते है और वीणा वर्ल्ड भी ऐसेही बहुत सारे लोगों की कड़ी मेहनत से आज इस मुकाम पर पहुँची है. सोशल मिडिया हाथमें है जिसपर हमें कुछभी लिखने की आज़ादी है तो इसका मतलब ये नहीं की किसी जिम्मेदार पदपर काम कर चुका एक जिम्मेदार व्यक्ती ऐसे कुछ भी गैर ज़िम्मेदार काम करे? किसी भी कंपनी को ऑलमोस्ट खुनी घोषित कर दे? और सिर्फ इतने पर ही वों नहीं रुके, लोगों की और अनुकंपा जीतने के लिए उन्होंने ये भी लिखा की ‘वीणा वर्ल्ड को उनके कर्मचारियों की भी परवाह नहीं है.’ हम वीणा वर्ल्डवाले ‘लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट’ में विश्वास रखने वाले लोंग है. मार्च के पहले हफ़्ते तक हम सब खुद भी टूर पर थे.
16 मार्च को हम यानी मैं या नील सिंगापूर एयरलाइन्स के साथ उनके आमंत्रण पर सिंगापूर जाने वाले थे जहाँ वो लोंग हमें सिंगापूर में सबकुछ कैसे अच्छे से चल रहा है और वों क्या सावधानियां ले रहे है ये दिखाने वाले थे. सिर्फ एयरलाइन्स ही नहीं बल्कि टूरिज़म बोर्ड, हमारे जैसे ही कई सारी छोटी बड़ी ट्रैवल कंपनिया सभी लोग इस संकट से लड़ने के लिए
ज़ी जान लगा के मेहनत कर रहे थे. जापान, अमेरिका, दुबई, सिंगापुर, स्विझलैंड जैसे बड़े बड़े देशों का भी यही प्रयास था. सिर्फ वो ही नहीं तो मई में यूरोप टूर पर जाने वाले हमारे एक पर्यटक भी कह रह थे की अगर सब ठीक है तो हम टूर के लिए तैयार है. कई सारे पर्यटकों ने सितम्बर से टूर शुरू करने की माँग की है. पर्यटक भी साहसी होते है. इस साल दुविधा थी इसलिए हमने कोई भी इश्तेहार नहीं दिया था फ़िर भी हमारी कश्मीर टूर्स फुल्ल थी. पूना की कई पर्यटन संस्थाओं ने एकसाथ मिलकर, ‘टूर्स चालू रखेंगे, अभी कैंसलेशन का फैसला मत किजीये’ ऐसा निवेदन दिया ये ख़बर आपने अखबारों में पढ़ी ही होंगी. टूरिज़म चलता रहे इसलिए हर कोई अपनी अपनी तरफ से कोशिश कर रहा था. ठीक है… अभी यह व्यक्ति सफाई देने के लिए होम क्वारंटाइन का बहाना बनाके 14 अप्रैल तक का समय माँग रहा था, लेकिन उन्होंने भेजे हुए जवाब के पत्र में लिखे हुए 19 मार्च से लेकर 12 अप्रैल तक उनके होम क्वारंटाइन के दौरान उन्होंने 23 मार्च को कैसे ये बदनामीभरा पोस्ट लिखकर किसी वेबपोर्टल के माध्यम से वायरल किया? लॉकडाउन या होम क्वारंटाइन जैसे मामलों को कैसे आप अपने हिसाब से अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर सकते है? अब हमारे लिए ये बात बड़ी गंभीर हो गयी है और हम अब इसे आगे ज़रूर लेके जायेंगे.

लेकिन एक सवाल मन में उठ रहा है की, ‘व्हाय वीणा वर्ल्ड’? लाखों के संख्या में यात्री विदेश से भारत आते जाते रहे थे फिर महाराष्ट्र में पेशंट मिलने के लिए वीणा वर्ल्ड की ही टूर क्यों? आज भी बाली में बहुत से भारतीय हनीमून कपल्स फसे हुए है. जिन्होंने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बुकिंग की है उनका कोई मसीहा नहीं है. ऐसी कंपनियों से जवाब मांगने वाला भी कोई नहीं है. दुनिया के सभी देशों में अलग अलग देशों से लोंग फसे हुए है. भारत में अटके हुए अमरिकी पर्यटकों को लेके जाने के लिए पिछले हप्ते अमेरिका ने उनके कई विमान भारत भेजे थे. एयरइंडिया भी फसे हुए भारतीय पर्यटकों के लिए यही काम कर रही है. ऑस्ट्रेलिया में फसे गाँधी नामक युवक का मुझे दिल दहला देनेवाला मेल आया की ‘हमें यहाँ से ले चलिए.’ हमने ऑस्ट्रेलिया टूरिज़म बोर्ड, वहां की इन्डियन एम्बसी और अन्य संबंधित व्यवस्थाओं को ये मेल फ़ॉरवर्ड कर दिया और उस युवक को भी उचित मार्गदर्शन कर दिया. ऐसीही बहुत सारी कहानियां है एयरपोर्ट पर अटके हुए लोगों की, क्रुझपर फंसे लोगों की, और होटलों में अटके पड़े लोगों की भी. लेकिन हम हमारे पर्यटकों को भारत में सही सलामत ले आये, वैसे भी ये हमारी ही जिम्मेदारी है और हमने इसे कभी भी धुतकारा नही है फिर भी हमारा ही नाम उछाला गया. ठीक है, कहते है ना, ‘भगवान उन्हीं को जिम्मेदारी सौंपते है जो उसे कधोंपर उठा सकते है.’ इस समय उसने हमें चुना है. लेट्स फेस इट! चलो अपने कंधों को और मज़बूत बनाते है. हम हमारी टीम में हमेशा एक बात सबको बताते है की, अगर हमारी गलती हो तो ज़रूर डरिये, लेकिन कोई
जानबूझ कर ऐसी पोस्ट वायरल कर रहा है तो उम्मीद मत हारिये, और बिलकुल भी मत डरिये. शांत रहके उसका मुकाबला कीजिये.

कुछ लोगों ने ये सलाह भी दी ‘सोशल मिडिया पर ज़्यादा ध्यान मत दो, आप बस अपना काम करते रहो.’ ठीक ही कहा है इन्होंने, अपना काम तो हम करते ही रहेंगे. ये महामारी पहले की तरह ही कुछ दिनों तक यहाँ रहकर फिर चली जाएगी. नॉर्मलसी आने के बाद, सरकारने हरी झंडी दिखाने के बाद सबसे पहले जो टूर्स निकलेगी वो वीणा वर्ल्ड की ही होंगी क्योंकि हमारे पर्यटक भी टूर पर जाने के लिए बेक़रार है. इन सब हालातों की चर्चा यहाँ इसीलिए की क्योंकि कईबार ऐसा होता है की, झूठ इतनी बार हमारे सामने लाया जाता है की हम उसे ही सच मानने लगते है. यहापर ऐसी कहानी लिखी गयी थी की कोई भी कमजोर दिल इन्सान या संस्था पूरी तरह से तबाह हो जाए.

हमारे माननीय प्रधानमंत्रीजी पुरे देश को साथ लेके कोविड-19 आपत्ति से मुकाबला कर रहे है. महाराष्ट्र सरकार ने भी बहोत ही कम समय में इसपर काबू पा लिया है. लॉकडाउन का पहला कदम उठाने की वजह से कोविड-19 स्प्रेड अभी तक हमारे कंट्रोल में है. अमरिका जैसे महासत्ताकी भी कैसी हालत हो गयी है आप देख ही रहे है. हमारी केंद्रसरकार, राज्यसरकार, महानगरपालिका, हॉस्पिटल्स के डॉक्टर्स, नर्सेस, हेल्थकेयर टीम्स, पुलिस फ़ोर्स, सिक्यूरिटी फ़ोर्स, सफाई कर्मचारी, आपातकालीन सेवा देने वाले लोंग, बैंक ऑफिशियल्स, और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से इनके पीछे खड़े हर एक सेवाभावी देवदूत को वीणा वर्ल्ड की तरफ से मैं साष्टांग प्रणाम करती हूँ. आप सबका दिल से शुक्रिया.

चलिये हम सब अपने अपने घर में ही रहकर सरकार के इस प्रयास में सहयोग दे और कोविड-19 को कंट्रोल में रख के पूरी दुनिया के सामने एक आदर्श मिसाल कायम करें.

स्टे होम! स्टे काल्म! स्टे सेफ!

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