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11 mins. read

Published in the Sunday Navbharat Times on 03 August 2025

...वे आपको जिज्ञासु बनाती हैं। वे आपको भरोसा दिलाती हैं कि अगला

रोमांच बस एक पन्ने या एक उड़ान की दूरी पर मौजूद हो सकता है...

जब मैंने 1999 में पहली बार ब्रिटेन में कदम रखा, तो मुझे अजीब सा जाना-पहचाना सा लगा, मानो मैं पहले भी वहाँ आ चुकी हूँ। मैं अपनी उस अनुभूति को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती; बेशक वहाँ भारतीय मूल के कई लोग थे और वहाँ की ज़्यादातर वास्तुकला मुझे हमारे अपने भारतीय शहरों की याद दिलाती थी, लेकिन बात केवल यही नहीं, बल्कि उससे कहीं बढ़कर थी! और फिर मुझे यह एहसास हुआ, हाँ, बिल्कुल, मैं अपनी कल्पना में वहाँ पहले सैकड़ों बार जा चुकी थी। हर पत्थर की सड़क, हर विचित्र देहाती गली मुझे मुंबई की ब्रिटिश लाइब्रेरी में दोस्तों के साथ बिताए मेरे किशोरावस्था के शनिवारों की याद दिलाती थी।

मैं और मेरी स्कूल की दोस्त महालक्ष्मी, जो अब अमेरिका में रहती है, पिछले कुछ सालों से अपनी फ्रेंडशिप को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल छुट्‌‍टियों पर निकलते हैं। पिछले साल हम लंडन में थे और लंडन में मौजूद वुडहाउस के घर, हाइड पार्क के पास, 17 डनरेवन स्ट्रीट के बाहर खड़े थे, कुछ इस तरह से, मानो स्कूली बच्चे अपने किसी पुराने मास्टर को श्रद्धांजलि दे रहे हों। उनके शब्दों में रची गई दुनिया मेरे चारों ओर बिखरी हुई थी। वो भव्य चौराहे, हरे-भरे पार्क, मेफेयर का शांत सन्नाटा। ऐसा लग रहा था मानो मेरी कल्पनाएँ उन ईंटों और पत्थरों में साकार हो गई हों।

आज, इतना सारा वीडियो कंटेन्ट हमारी उंगलियों के इशारों पर आसानी से उपलब्ध है और इस वजह से हमारे पास कल्पना के घोड़े दौड़ाने के लिए ज्यादा कुछ बचा नहीं होता है, लेकिन उन जगहों को देखना, जिनका वर्णन किसी किताब में किया हुआ होता है, और जिन्हें हमने अभी तक देखा नहीं होता है, वह  हमारे लिए बहुत खास होता है, क्योंकि उनमें हम जो जगह देखते हैं, वह हमारे लिए अपनी पर्सनल जगह, या यह कहें कि वो पूरी तरह से हमारी जगह होती है, क्योंकि वह हमारी कल्पना के साकार होने जैसा होता है। इसलिए मैंने सोचा कि इस हफ़्ते हम उन किताबों पर नज़र डालें, जो हमें यात्राएँ करने के लिए प्रेरित करती हैं।

वुडहाउस से लेकर वॅन्ड्स तक: मेरी बेटी के साथ स्कॉटलैंड में

अगर वुडहाउस मेरी युवावस्था से ताल्लुक रखता था, तो हॅरी पॉटर मेरी बेटी से जुड़ा था। मुझे याद है कि सारा अक्सर उन मोटी-मोटी किताबों के साथ बैठी रहती थी, उसकी आँखें आश्चर्य से बड़ी-बड़ी होती रहती थीं, और इस दौरान कहीं न कहीं उसका जोश मेरा भी जोश बन जाता था। इसलिए जब हमने साथ में स्कॉटलैंड घूमने का प्लॅन बनाया, तो फिर बात स़िर्फ कॅसलों और व्हिस्की की नहीं रह गई थी, बल्कि वो हॉगवर्ट्‌स से भी जुड़ गई थी।

हम वहाँ एडिंबरा की पक्की सड़कों पर घूमे, हम उन्हीं कॅफेज़ में क़ॉफी की चुस्कियाँ लेते रहे, जहाँ जे. के. रोलिंग ने अपनी किताब के शुरुआती चॅप्टर्स  लिखे थे। विक्टोरिया स्ट्रीट, जिसने डायगन एली को प्रेरित किया था, पर हमने जादुई चीज़ों से भरी अनोखी दुकानों में ताक-झाँक की। और जब हम ग्लेनफिनन वायाडक्ट पर खड़े होकर हॉगवर्ट्‌स एक्सप्रेस जैसी भाप से चलने वाली ट्रेन को गुज़रते हुए देख रहे थे, तो यह हमारे लिए सचमुच जादू जैसा था।

हाइलँड्स में - आउटलँडर का कालजयी आकर्षण

स्कॉटलैंड में रहते हुए, मैं डायना गॅबालडन के ऐतिहासिक काल्पनिक उपन्यास, आउटलँडर को पढ़ने से खुद को रोक नहीं पाई, जो आज एक बेहद मशहूर टेलीविजन सिरीज़ है। दूसरे विश्व युद्ध के कालखंड में मौजूद यह उपन्यास हमें 18वीं सदी के स्कॉटलैंड के समय की यात्रा पर ले जाता है। हाइलँड्स रॉ पोएट्री है, रोलिंग मूर, प्राचीन महल, परिवारों और लड़ाइयों की फुसफुसाहट। कलोडेन बॅटलफील्ड में खड़े होकर आप यूं तो कुछ नहीं कर सकते, लेकिन जॅकोबाइट विद्रोह को श्रद्धांजलि देते हुए थोड़े भावुक तो हो ही जाते हैं, जहाँ ड्यूक ऑफ कंबरलँड के नेतृत्व में ब्रिटिश शासन की सेना ने चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट (बोनी प्रिंस चार्ली) की सेनाओं को निर्णायक रूप से हरा दिया था। स्कॉटलैंड हमेशा मेरे लिए एक जादुई देश रहा है और इसके रहस्यमय हाइलँड्स और ऊबड़- खाबड़ तटरेखाओं के साथ यह कुछ सबसे अनोखे टूर प्रदान करता है, जिनके बारे में आप सोच सकते हैं।

यात्रा के लिए कुछ सुझाव: यूके की अपनी यात्रा की प्लॅनिंग करते समय, लंडन में कुछ वक्त बिताना ना भूलें। हो सके तो छुट्‌‍टियों में हमारे साथ आएँ और हम मेफेयर और बेलग्रेविया में सेंट्रल लंडन से होते हुए एक गाइडेड वुडहाउस वॉक बुक कर सकते हैं। आप यहाँ हाइड पार्क में आराम से टहल सकते हैं और कल्पना कर सकते हैं कि जीव्स आपकी ज़िंदगी की समस्याओं का समाधान कर रहा है। अगर आप अपने बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो एडिनबरा में हॅरी पॉटर वॉकिंग टूर ज़रूर लें। बेहतरीन फॅन अनुभव लेने के लिए, वायाडक्ट के पार जॅकोबाइट स्टीम ट्रेन की राइड ज़रूर करें। पर बुकिंग जल्दी करवाइए, क्योंकि यह जल्दी भर जाता है! आउटलँडर टूर के लिए इनवर्नेस में रुकें। डौने कॅसल (सिरीज़ में कॅसल लिओच) और ग्लेन को के खूबसूरत नज़ारों का भरपूर मज़ा लीजिए।

जब यात्राएँ पन्नों से भी पहले आ जाती हैं

मेरी सभी साहित्यिक यात्राएँ हमेशा किताबों से शुरू नहीं हुई थीं। कभी- कभी रास्ता पहले आता था और शब्द उसके बाद। अब न्यूज़ीलैंड को ही लीजिए। यह एक आइलंड देश है, जो अपने नाटकीय परिदृश्यों, साहसिक खेलों और शानदार माओरी संस्कृति के लिए मशहूर है। जो भी पर्यटक न्यूज़ीलैंड जाता है, वो उससे प्रभावित हुए बगैर नहीं रह पाता है। मुझे आज तक ऐसा कोई ट्रॅवलर नहीं मिला जो न्यूज़ीलैंड से नाखुश होकर लौटा हो। न्यूज़ीलैंड रोड ट्रिप्स के लिए एकदम सही है और प्राचीन ब़र्फ और ग्लेशियरों से सजे शानदार दक्षिणी एल्प्स, ़िफओर्डलँड नॅशनल पार्क और लेक टेकापो जैसी मनमोहक झीलें वाकई मन मोह लेती हैं। हालाँकि एपिक बुक्स ‌‘द लॉर्ड ऑ़फ द रिंग्स‌’ न्यूज़ीलैंड को ध्यान में रखकर नहीं लिखी गई थी, फिर भी इनके मूवी अडॅप्टेशन के लिए फिल्मिंग लोकेशन के रूप में चुना गया! अंग्रेजी लेखक और भाषाशास्त्री जेआरआर टोल्किन ने 20वीं सदी के मध्य में ये किताबें लिखी थीं और मुख्य रूप से यूरोपीय परिदृश्यों, विशेष रूप से इंग्लैंड के ग्रामीण इलाकों, नॉर्स पौराणिक कथाओं और मध्यकालीन साहित्य से प्रेरणा ली थी।

न्यूज़ीलैंड का मिडिल-अर्थ से जुड़ाव बहुत बाद में हुआ, जब निर्देशक पीटर जॅक्सन ने इसे फिल्मों की फिल्मिंग लोकेशन के रूप में चुना। उन्होंने न्यूज़ीलैंड को इसके विविध और अदूषित परिदृश्यों के कारण चुना, जो टॉल्किन की दुनिया में वर्णित एपिक और विविध जियोग्राफी से मेल खाते थे।

यात्रा के लिए कुछ सुझाव: अगर आप एक सच्चा मिडिल-अर्थ एक्सपीरिएंस लेना चाहते हैं, तो इसके लिए मातामाता में हॉबिटन टूर बुक करें। मोर्डोर की अनुभूति के लिए, टोंगारिरो एल्पाइन क्रॉसिंग पर पैदल चलें, जो एक कठिन, लेकिन शानदार ट्रेक है।

ऐसा ही कुछ 'ईट, प्रे, लव' नामक किताब के साथ भी हुआ है, जो पढ़ने में आसान है और जिसे छोड़ना मुश्किल है। मैंने रोम में स्पेगेटी घुमाई, पिज़्ज़ा खाया और बेशक जेलाटो के अनगिनत फ़्लेवर्स का स्वाद लिया, और बाली में नारियल पानी की चुस्कियाँ लीं, जो एक ऐसी धरती है, जहाँ हरे-भरे चावल के खेत, ट्रॉपिकल गार्डन और शांति बिखेरते समुद्र तट हैं। ऐसे ही उबुद में मैंने मंदिरों में दर्शन किए, प्रसाद चढ़ाया और दैनिक अनुष्ठान देखे जो हिंदू परंपराओं और संतुलन की अनोखी बालीनीस फिलॉसोफी का मिश्रण है।

यह सब एलिज़ाबेथ गिल्बर्ट के भावपूर्ण संस्मरण पढ़ने से पहले हुआ था, जो बाली को एक शांत, आध्यात्मिक स्वर्ग के रूप में जीवंत करता है, जो कि संतुलन, सौंदर्य और उपचार की एक बेजोड़ जगह है। इसे बाद में पढ़ना एक डायरी पलटने जैसा था, जिसे मैंने लिखा नहीं, बल्कि किसी तरह जीया था। और निश्चित रूप से भारत में रहनेवाले एक भारतीय के रूप में मंदिर और अध्यात्म हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। वाराणसी में गंगा आरती का मेरे लिए हमेशा एक विशेष स्थान रहा है। वास्तव में पुस्तक में वर्णित आध्यात्मिक पहलू को भारतीय रूप में कई अलग-अलग जगहों पर अनुभव करना मुश्किल नहीं है।

यात्रा के लिए कुछ सुझाव: रोम में, त्रास्तेवेरे में पास्ता मेकिंग क्लास ज़रूर ट्राय करें, या जेलाटो हॉपिंग टूर पर जाएँ। बाली के उबुद में राइस टेरेस पर सैर करना ना भूलें। वीणा वर्ल्ड द्वारा आयोजित किए जानेवाले बाली की लक्ज़री टूर भी आपको आध्यात्मिक शुद्धि का अनुभव देती है। और भारत में इतने सारे अलग-अलग टूर विकल्प और घूमने की जगहें होने के कारण हमारे पास विकल्पों की भरमार है। इसके लिए एक जीवन भी कम रहेगा।

80 दिनों में दुनिया भर की सैर - वो स़फर जो कभी खत्म नहीं होताऔर फिर आखिर में, घुमक्कड़पन के उस्ताद जूल्स वर्न। 'अराउंड द वर्ल्ड इन 80 डेज़' स़िर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि यह एक बुलावा भी है। लंडन की धुंध भरी सड़कों से लेकर भारत की मसालेदार हवा तक, स्टीमर के डेक से लेकर रेगिस्तानी ट्रेनों तक - यह किताब आपको भरोसा दिलाती है कि हमारी यह दुनिया विशाल भी है और अद्भुत रूप से छोटी भी है।

क्योंकि किताबें यही करती हैं। वे आपको जिज्ञासु बनाती हैं। वे आपको अपना सामान पॅक करने के लिए प्रेरित करती हैं। वे आपको भरोसा दिलाती हैं कि अगला रोमांच बस एक पन्ने या एक उड़ान की दूरी पर मौजूद हो सकता है।

यात्रा के लिए कुछ सुझाव: आप 80 दिनों में दुनिया भर की यात्रा तो नहीं कर सकते, लेकिन आपके पुरे जीवनकाल में ज़रूर कर सकते हैं। वीणा वर्ल्ड के 50 कंट्री चॅलेंज में शामिल हो जाइए और एक बार में एक जगह से शुरुआत कीजिए।

तो, अब आगे कहाँ?

जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूँ तो मुझे एहसास होता है कि कुछ किताबों ने मुझे यात्रा करने के लिए प्रेरित किया है। कुछ यात्राओं ने मुझे किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया है। बहरहाल, दोनों ही ने एक-दूसरे को समृद्ध किया है। क्योंकि जब शब्द दुनिया से मिलते हैं, तो इससे होने वाला जादू दोगुना हो जाता है। तो मुझे बताइए, वो कौनसी किताब है, जो इंतज़ार में है, आपको किसी नई जगह पर लेकर चलने के लिए?

August 01, 2025

Author

Sunila Patil
Sunila Patil

Sunila Patil, the founder and Chief Product Officer at Veena World, holds a master's degree in physiotherapy. She proudly served as India's first and only Aussie Specialist Ambassador, bringing her extensive expertise to the realm of travel. With a remarkable journey, she has explored all seven continents, including Antarctica, spanning over 80 countries. Here's sharing the best moments from her extensive travels. Through her insightful writing, she gives readers a fascinating look into her experiences.

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