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अलौकिक आइसलैंड

11 mins. read

Published in the Sunday Navbharat Times on 24 August 2025

...याद कीजिए फिल्म दिलवाले में गेरुआ वाले गीत में शाहरुख खान और काजोल। वो झरने, ग्लेशियर और काली रेत वाले समुद्र तट...

हाल ही में मुझे एक बच्चे के नामकरण समारोह में बुलाया गया था। वहाँ सबसे मिलने-जुलने के बाद हम सब उस खास पल के लिए इकट्ठा हुए, जब उस बच्चे का नाम घोषित किया जाना था। उस वक्त मैं सोचने लगी कि इस नन्हे बच्चे का नामकरण एक ऐसे नाम से होने वाला है, जो जीवन भर याद रहेगा, पर इसमें इसकी खुद की कोई भूमिका नहीं है। हममें से ज़्यादातर लोगों के नाम भी इसी तरह से रखे जाते हैं, बिना यह चुनने का मौका दिए कि हमें पप्पू, बबलू या गुड्डी कहलाना पसंद है भी या नहीं। लेकिन उस स्थिति में क्या होगा, जब आपका नाम ऐसा रख दिया जाए, जो पूरी तरह से अनुचित हो या जिसका कोई अप्रिय मतलब निकलता हो? दरअसल दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जिसने इस बारे में बहुत पहले ही सोच लिया था और इस काम के लिए एक व्यवस्था लागू करने का फैसला कर लिया तथा एक नामकरण समिति ही बना दी। जी हाँ, आपने सही पढ़ा, और वो देश है आइसलैंड, जहाँ आज भी एक ऐसी आधिकारिक समिति है, जिसके द्वारा नामों को स्वीकृति दी जाती है।

अगर इस समिति के पास कोई ऐसा नाम आता है, जो पहले से उनकी अनुमोदित सूची में शामिल नहीं है, तो उसे समीक्षा के लिए भेजा जाता है।  इसके पीछे जो विचार है, वो बहुत सरल है - आइसलैंडिक भाषा को सुरक्षित रखना, और इसके लिए यह सुनिश्चित करना कि नए नाम इसकी वर्तनियों और व्याकरण के नियमों के अनुसार हों। यहाँ एक मज़ेदार ट्विस्ट भी है - आइसलैंड में लगभग सभी को उनके पहले नाम से संबोधित किया जाता है, यहाँ तक कि प्रधानमंत्री को भी, इसलिए वहाँ नामों का रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ ज़्यादा ही महत्व होता है।

तो इस तरह आइसलैंड तो अपनी विरासत को संजोए हुए है, पर इसके चलते आपको आइसलैंड के ज़बरदस्त नामों को याद करने के लिए अपनी आवाज़ को तेज़ करना होगा। आखिरकार आप लांगजोकुल ग्लेशियर पर मॉन्स्टर ट्रक चलाने, रेनिस़्फजारा के काले रेत वाले समुद्री तट पर टहलने, या सेल्जालैंड्स़फॉस में झरने के पीछे टहलते हुए गेरुआ गुनगुनाने, या सोल्हेइमासंदूर में विमान के मलबे वाली जगह पर पोज़ देने के अपने अनुभव तो शेयर करना ही चाहेंगे ना?

आइसलैंड कुदरती खूबसूरती का सबसे अनूठा नमूना है, जहाँ नाटकीयता, अदम्यता और जीवंतता बिखरी पड़ी है। भूगर्भीय दृष्टि से ये देश केवल 2 करोड़ साल पुराना ही है, फिर भी इस युवा देश में सब कुछ है - ज्वालामुखी, ग्लेशियर, गीज़र, झरने, गर्म पानी के सोते और काली रेत के समुद्री किनारे। आइसलैंड मिड- एटलांटिक रिज पर स्थित है, जहाँ उत्तरी अमेरिकी और यूरेशियन प्लेटें अलग-अलग होती हैं, इसलिए यह देश भूकंपों और विस्फोटों से लगातार आकार लेता रहता है। ऐसे में अगर इसे 'आग और बर्फ का देश' कहा जाता है, तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है? आइसलैंड अपने बर्फीले नाम के बावजूद गर्मियों में हरा-भरा हो जाता है, तथा ये ज़मीन घास के मैदान, काई से ढके लावा के मैदान और ग्रामीण इलाकों में फैले जंगली फूलों से आच्छादित हो जाती है। इसकी तुलना उसके बर्फीले पड़ोसी ग्रीनलैंड से कीजिए, जिसका आकर्षक नाम शुरुआती बसने वालों की एक चतुर मार्केटिंग चाल से ज़्यादा कुछ नहीं था।

आइसलैंड की कुदरती खूबसूरती खुद को निहारे जाने के इंतज़ार में है

अगर मुझे आइसलैंड को एक शब्द में समेटना हो, तो वह होगा ‌‘अलौकिक‌‘। इस एहसास को महसूस करने का सबसे अच्छा तरीका इसके अविस्मरणीय अनुभवों के माध्यम से है।

देश के सबसे मशहूर रास्ते गोल्डन सर्कल से हम शुरुआत करते हैं। टिंगवेल्लिर नेशनल पार्क में इतिहास और भूविज्ञान का संगम होता है। यहाँ आप एक पैर यूरेशियन प्लेट पर और दूसरा उत्तरी अमेरिकी प्लेट पर रखकर खड़े हो सकते हैं। फिर स्ट्रोकुर गीज़र को देखें, जहाँ उबलता हुआ पानी आसमान की ओर उछलता रहता है। साथ ही गुल्फॉस वाटरफॉल की गड़गड़ाहट का भी मज़ा लीजिए। रोमांच प्रेमियों को वत्नाज़ोकुल ग्लेशियर पर मानो स्वर्ग ही मिल जाएगा, जो यूरोप का सबसे बड़ा ग्लेशियर है। यहाँ आप सदियों पुरानी बर्फ पर चल सकते हैं, स्नोमोबाइल पर वहाँ दौड़ लगा सकते हैं, या चमचमाती नीली बर्फ की गुफाओं में भी जा सकते हैं, जो जमे हुए कैथेड्रल जैसी दिखती हैं।

यहाँ हर तरफ झरने ही झरने हैं: स्कोगाफॉस उस ड्रमैटिक बॉलीवुड स्टाइल शॉट के लिए उम्दा है, सेल्जालैंड्सफॉस वो जगह है, जहाँ आप पानी के पर्दे के पीछे चल सकते हैं, और डेटीफॉस, जो यूरोप का सबसे शक्तिशाली झरना है और उत्तर में गरजता रहता है। दक्षिण में रेनिस्फजारा की काली रेत सुंदर लगने के साथ डरावनी भी लगती है। इसके बसाल्ट खंभों के साथ ट्रोल्स के पत्थर में बदल जाने की किंवदंतियाँ जुड़ी हुई हैं। आइसलैंड की ज्वालामुखीय प्रवृत्ति यहां हर जगह है। चाहे आप लावा के खेतों में घूमें, क्रेटरों पर चढ़ें, या विस्फोटों से ताज़ा बनी ज़मीन पर खड़े हों। अपनी शेखी बघारने की मंशा से ग्रिम्सी आइलैंड पर जाइए और आर्कटिक सर्कल को पैदल पार कीजिए। यहाँ वन्यजीव भी अपना एक अलग ही जादू जोड़ते हैं: चट्टानों पर घोंसला बनाने वाले पफिन, हुसाविक की व्हेल और अपनी अनूठी टॉल्ट चाल के साथ आकर्षक आइसलैंडिक हॉर्स, अपने अनूठे टॉल्ट गैट के साथ। और बेशक, यहाँ आइकॉनिक ब्लू लगून भी है, जो लावा वाली ज़मीन से घिरे मिल्की-ब्लू जियोथर्मल पानी में बहता है और ये कुदरत की अपनी ल़क्ज़री जैसा लगता है।

आइसलैंड अद्वितीय है

आइसलैंड की सांस्कृतिक धरोहरें भी उतनी ही उल्लेखनीय हैं। 9वीं शताब्दी के नॉर्स सेटलर्स यहाँ न केवल पशुधन लेकर आए, बल्कि समृद्ध मौखिक परंपराएँ भी लाए थे, जिन्हें बाद में 13वीं और 14वीं शताब्दी में आइसलैंडिक गाथाओं के रूप में लिखा गया। ये महाकाव्य वीरतापूर्ण यात्राओं, लड़ाईयों और कठोर प्रकृति के विरुद्ध जीवन-रक्षा का वर्णन करते हैं। थिंगवेलिर आइसलैंड का सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। यहीं पर 930 ई. में चीफटेन्स ने दुनिया की सबसे पुरानी संसद, अलथिंगी का गठन किया था।

आइसलैंड को ख़ास तौर पर अनोखा बनाने वाली बात यह है कि इसके मौसम दो चरम सीमाओं को अपने साथ लाते हैं, और हर एक अपने आप में असाधारण है। गर्मियों में जून की शुरुआत से जुलाई की शुरुआत तक यहाँ सूरज कभी अस्त नहीं होता। आप आधी रात को सुनहरे आसमान के नीचे पैदल यात्रा कर सकते हैं, जो एक अवास्तविक दुनिया और सपने जैसा अनुभव होता है। सर्दियों में दिन का उजाला मुश्किल से दो घंटे का रह जाता है, लेकिन इसका इनाम है नॉर्दर्न लाइट्‌‍स, जो हरे, बैंगनी और गुलाबी रंग की लहरें होती हैं, जो आकाश में नाचती रहती हैं और यात्रियों को अचंभित कर देती हैं।

आइसलैंड को केवल लैंडस्कैप्स से ही परिभाषित नहीं किया जा सकता है। यह विचित्रताओं से भरा हुआ है। लगभग 40% आइसलैंडवासी कल्पित बौनों और छिपे हुए लोगों के अस्तित्व से इंकार नहीं करेंगे। यहाँ तक कि कभी-कभी सड़कों का रास्ता भी बदल दिया जाता है, ताकि उन्हें परेशान होने से बचाया जा सके। यहाँ बीयर पर 74 वर्षों तक प्रतिबंध लगा रहा था और यही वजह है कि अब हर साल 1 मार्च को बीयर डे के रूप में मनाया जाता है। यहाँ हर कहीं किताबें भी मौजूद हैं। इस छोटे से देश में प्रति व्यक्ति प्रकाशन दर सबसे ज़्यादा है। क्रिसमस की पूर्व संध्या को जोलाबोकाफ्लोद के रूप में मनाया जाता है, जो 'क्रिसमस बुक फ्लड' है। इसमें परिवार एक-दूसरे को किताबें उपहार में देते हैं। आइसलैंडवासी आइसक्रीम के भी दीवाने होते हैं और यहाँ आइसक्रीम साल भर खाई जाती है, चाहे बर्फीला तू़फान ही क्यों न आया हो। यहाँ कोई मैकडॉनल्ड्स नहीं है। ़फास्ट-़फूड की इस दिग्गज कंपनी ने साल 2009 में यहाँ अपनी दुकान बंद कर दी, और मज़े की बात है कि किसी को इसकी कमी महसूस नहीं हुई। यहाँ तक कि इस देश की पुलिस बंदूकें भी नहीं रखती है। यहाँ हथियारों को ताले में बंद रखा जाता है और उन्हें स्पेशल परमिशन से ही निकाला जा सकता है। क्योंकि यहाँ ऐसा माना जाता है कि पुलिस के हथियारबंद होने से हिंसा रुकने के बजाय और भड़कती है। हम भारतीयों के लिए, जो अपने शहरों की लगातार चहल-पहल के आदी हो चुके हैं, यह एक अलग ही दुनिया जैसा लगता है। शांत, सुरक्षित और सुकून भरा। दरअसल आइसलैंड एक दशक से भी ज़्यादा समय से ग्लोबल पीस इंडेक्स में दुनिया के सबसे सुरक्षित देश के तौर पर शीर्ष पर बना हुआ है।

अगर आप बॉलिवुड फिल्मों के दीवाने हैं तो आइसलैंड आपको देखा हुआ सा लग सकता है। याद कीजिए फिल्म दिलवाले में गेरुआ वाले गीत में शाहरुख खान और काजोल। वो झरने, ग्लेशियर और काली रेत वाले समुद्र तट, वे सब आइसलैंड के ही थे। आजकल, कई भारतीय महिला पर्यटक स्कोगाफॉस या रेनिस्फजारा में काजोल के आइकॉनिक लुक को दोहराने के लिए साड़ी पहनते हैं।

यहाँ की सबसे अच्छी बात यह है कि आइसलैंड एक स्टैंडअलोन डेस्टिनेशन के रूप में या स्कैंडिनेवियन हॉलिडे के साथ संयुक्त रूप से बहुत खूबसूरती से कारगर है। यहाँ से नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क बस छोटी सी फ़्लाइट की दूरी पर हैं।

वीणा वर्ल्ड

वीणा वर्ल्ड में हमने आइसलैंड के बेहतरीन नज़ारों को दिखाने वाले यात्रा कार्यक्रम बनाए हैं। ग्लेशियर वॉक करने और ब्लू लगून में डुबकी लगाने से लेकर गोल्डन सर्कल टूर और नॉर्दर्न लाइट्‌‍स को देखने तक, हमारी ट्रिप्स एडवेंचर और आराम का बेहतरीन मेल हैं। हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि आप स्थानीय आकर्षणों से रूबरू हुए बगैर ना रह जाएँ, जैसे कि आइसलैंड के व्यंजनों का स्वाद लेना, यहाँ की गाथाओं के बारे में जानना या आधी रात के सूरज के नीचे गर्म झरनों में नहाना।

कुछ देश ऐसे होते हैं, जिन्हें आप देखने के लिए जाते हैं। लेकिन अगर बात आइसलैंड की है तो हम कहेंगे कि वहाँ आप उसे महसूस करने के लिए जाएँगे। ये एक ऐसी जगह है, जहाँ धरती की अनगढ़ शक्ति और उसकी शांत सुंदरता का मेल होता है। जहाँ मिथक आज भी काई से ढकी चट्टानों में छुपे हुए हैं और जहाँ पहुँचकर बॉलीवुड भी खुद के कदमों को थिरकने से रोक नहीं पाता है।

अगर आप एक अनोखे देश, अनूठी ज़मीन का अनुभव करने के लिए तैयार हैं, तो आइसलैंड आपका इंतजार कर रहा है - अपनी आग, अपनी बर्फ और अपने जादू के साथ।

August 22, 2025

Author

Sunila Patil
Sunila Patil

Sunila Patil, the founder and Chief Product Officer at Veena World, holds a master's degree in physiotherapy. She proudly served as India's first and only Aussie Specialist Ambassador, bringing her extensive expertise to the realm of travel. With a remarkable journey, she has explored all seven continents, including Antarctica, spanning over 80 countries. Here's sharing the best moments from her extensive travels. Through her insightful writing, she gives readers a fascinating look into her experiences.

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