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चलो सिंगापुर!

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... डोसा और तमिल भाषा दोनों ही सिंगापुर की संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। सिंगापुर की मुझे एक बात अच्छी लगती है की यहाँ की संस्कृति में खूब विविधता है।

Published in the Saturday Navbharat Times on 16 March, 2024

मैं आपका तो नहीं जानती लेकिन दो बातें जो तुरंत मेरा उत्साह बढ़ाती हैं वे हैं अच्छा शॉवर और एक मस्त स्ट्राँग कॉफी। मुझे सफर करना अच्छा लगता है, और मुझे पूरा विश्वास है कि आपको भी अच्छा लगता होगा, लेकिन जब यात्रा करते हैं तो अक्सर सफर करते समय सिक्योरिटी और इमिग्रेशन के लिए लंबी कतारें उसका अभिन्न हिस्सा हैं, और कभी कभी रेड-आय फ्लाइट्स लेनी पड़ती हैं। फिर भी, सिंगापुर की फ्लाइट मजेदार होती है क्योंकि ये बहुत लंबी नहीं होती, जिससे वहां पहुंचना आसान होता है। लेकिन कभी कभी, लगता है कि ये सफर थोड़ा लंबा होना चाहिए ताकि मैं ज़्यादा नींद ले सकूँ! मैं जैसे ही लैंड करती हूँ, मैं चेक इन करने और झट से शॉवर लेने की कोशिश करती हूँ ताकि मैं जल्दी से शहर की सैर शुरू कर सकूँ! अधिकांश इंटरनॅशनल होटल चेक-इन सिर्फ दोपहर ३ बजे उपलब्ध होने के कारण अगर चेक इन मुमकिन नहीं होता है तो मैं सीधे कॉफी की चुस्कियाँ लेने बढ़ जाती हूँ!

ऑर्चर्ड स्ट्रीट पहुंचते ही, सबसे पहले मेरा ध्यान हवा में तैरती ताजा ब्रू की गई कॉफी की लुभावनी खुशबू पर जाता है। स्थानीय लोगों का चहेता पेय होने के कारण मैंने खुद ही कॉफी का लुत्फ उठाने का फैसला किया। मुझे तनिक भी अंदाजा नहीं था कि सामान्य कॉफी का कप ऑर्डर करना मेरे लिए एक आनंद भरे सफर में तब्दील हो जाएगा। कॉफी शॉप का मेनू देखने पर मेरे ध्यान में आया कि उसमें अनेक विकल्प थे, जिसके साथ कुछ अक्षर और अंक लिखे थे जो किसी सीक्रेट कोड जैसे लग रहे थे। मुझे इसमें सहायता की जरूरत थी और मैंने सिंगापुर के अपने अच्छे मित्र रेंजी वोंग से हुई कई चर्चाओं को याद किया जो भारत में सिंगापुर टूरिजम के निर्देशक के रूप में काफी लगन से सिंगापुर टूरिजम को प्रमोट करते हैं। उनके थोडे से मार्गदर्शन और गूगल से थोडी मदद लेकर, मैंने जल्द ही कडियों को जोड़ा। कोपी से कोपी पेंग तक, हर ऑर्डर किए गए कप में सिंगापुर की बेजोड कॉफी संस्कृति की अनोखी झलक दिखाई दे रही थी, जिसमें चीनी, मलय और भारतीय परंपराओं का मिलाजुला प्रभाव था। जैसे ही मैंने कॉफी की पहली चुस्की ली, उसकी क्रीमी मिठास ने मेरी स्वाद ग्रंथियों को खुश कर दिया। मैं जानती थी कि मैं सचमुच कुछ खास अनुभव ले रही हूँ। सिंगापुर की कॉफी की दुकानें मलय और होकियन शब्दों का प्रयेग करके अपनी कॉफी का वर्णन करती हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि कोपी-सी’ क्या है तो आप भी देख लीजिए कुछ शब्दों को जिनका सामना आपको करना पड सकता है: कोपी‘ का अर्थ ही है कंडेंस्ड मिल्क के साथ बनी कॉफी, कोपी-ओ’ यानी ब्लैक कॉफी, कोपी-सी’ यानी इवॅपोरेटेड मिल्क की कॉफी, कोसोंग यानी बिना शक्कर, और पेंग यानी आइस्ड कॉफी। यदि दोपहर में चाय के बिना आप नहीं रह सकते हैं तो ‘तेह’ ऑर्डर कीजिए. कॉफी की तरह ही तेह भी कई किस्म की होती है, लेकिन मैं चाहती हूँ कि इसका अनुभव आप खुद लें!

सिंगापुर में मेरे व्यंजन विषयक मजेदार सफर का आरंभ कॉफी से हुआ। और स्थानीय व्यंजनों का अनुभव लेने की इच्छा से मैं हॉकर सेंटर्स तक गई, जो भीड भरी खाऊ गलियां हैं जहाँ पर वोक्स की सनसनी भरी आवाज़ और शोरबे के बुलबुलों से हवा में उठती सुगंध आपको मोह लेती है। दृश्यों और ध्वनियों की कड़ियों के बीच, मैंने व्यंजनों की पूरी दुनिया देखी जो अन्यत्र कहीं नहीं है।

हैनानीज़ चिकन राइस से लेकर चार क्वे टियो तक, हर व्यंजन स्वाद का मनमोहक मेल प्रदान करता है, जो सिंगापुर की बहु-व्यंजन सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है। जब मैं भोजन का आनंद लेने बैठी तब स्थानीय लोगों और मेहमानों के बीच मैं भी इन सुलभता से उपलब्ध व्यंजनों के खजाने का लाभ लेने से खुद को रोक न सकी। यहाँ पर हर कोई आकर स्वादिष्ट और वाजिब दाम पर दावतों का आनंद ले सकता है। भारत की तरह ही किसी भी स्थान का भोजन वहाँ की क्षेत्रीय संस्कृति को समझने में मदद करता है। स्थानीय स्तर से प्राप्त सामग्रियों से बने भोजन और व्यंजन उस क्षेत्र विशेष की पहचान देते हैं और यहाँ आने पर आपको इन्हें अवश्य आजमाना चाहिए। मैंने सिंगापुर में अपनी कई यात्राओं पर, हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि मैं जब भी हॉकर सेंटर में जाऊँ तब मेरे साथ बहुत सारे दोस्त हों ताकि हम कई व्यंजन आपस में साझा कर सकें और सिंगापुर की नवीनतम चीजों का भी अनुभव ले सकें। जब भी आप वीणा वर्ल्ड के साथ सिंगापुर आएं तब ऐसे हॉकर सेंटर पर जाना न भूलें जहाँ पर आप स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। और यदि आपको भारतीय व्यंजनों की कमी सचमुच खल रही है तो यहाँ के डोसा स्टॉल्स पर भी आप जा सकते हैं क्योंकि डोसा और तमिल भाषा दोनों ही सिंगापुर की संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। सिंगापुर की मुझे एक बात अच्छी लगती है कि यहाँ की संस्कृति में खूब विविधता है। व्यवसाय और शिक्षा के लिए इंग्लिश यहाँ की मुख्य भाषा है, साथ ही मैंडरिन चाइनीज, मलय और तमिल भाषाएं भी हैं जिन्हें आधिकारिक भाषाओं का दर्जा मिला हुआ है। इंग्लिश यहां बड़े पैमाने पर बोली जाती है और सरकार में प्रयुक्त की जाती है, जब कि मैंडरिन चीनी समाज की विरासत को प्रदर्शित करती है, मलय राष्ट्रीय भाषा है और तमिल भारतीय समाज की सांस्कृतिक पहचान प्रदर्शित करती है ।

मेरा सफर यहीं पर खत्म नहीं हुआ। गार्डन्स बाय बे गए बिना सिंगापुर की कोई भी यात्रा पूरी नहीं होती जहां पर आप क्लाउड फॉरेस्ट और फ्लॉवर डोम तथा सुपर ट्रीज़ में घूमते हैं। ये शानदार इमारतें, २५ से ५० मीटर तक ऊँची हैं, जो न केवल वास्तुकला का नायाब नमूना हैं बल्कि ये गार्डन के महत्वपूर्ण स्थायी इकोसिस्टम का अहम हिस्सा भी हैं। धातु और काँक्रीट फसाड से ढंका हर सुपर ट्री अनेक प्रकार के ट्रापिकल पौधों, फर्न्स और ऑर्किड्स से सजा है, जो लोमहर्षक गगनचुंबी बगीचे का रूप निर्मित करता है जो जीवंत से लगते हैं।

लेकिन सुपर ट्रीज़ सिर्फ एक बोटैनिकल अजूबे नहीं हैं-बल्कि वे टेक्नॉलॉजी का करिश्मा भी हैं। फोटोवोल्टाइक सेल्स से सजे ये विशाल निर्माण सौर ऊर्जा से इस परिसर में बागों को प्रकाशित करते हैं, जो आसमान को एक चमत्कारिक चमक से भर देती है। मेरा अगला पड़ाव था सेंटोसा आयलैंड-जो एक ट्रॉपिकल स्वर्गीय धरती है जहाँ पर सभी उम्र के लोगों के लिए अनेक आकर्षण और गतिविधियाँ होती हैं। जब हम सिंगापुर का विचार करते हैं तब हमें विश्वस्तरीय मनोरंजन ख्याल में आता है और यह आपको सेंटोसा आयलैंड पर ही देखने को मिलता है। सुरम्य समुद्री तटों पर आराम फरमाने से लेकर सी एक्वेरियम में सागरीय संसार को देखने तक सेंटोसा साहस और रोमांच का मैदान नजर आता है। वीणा वर्ल्ड टूर पर, हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको यहां के आकर्षणों का अनुभव लेने के लिए पर्याप्त समय मिले और युनिवर्सल स्टूडियोज़ में आप शानदार राइड्स का मजा ले सकें। मुझे याद है जब कुछ वर्ष पहले अपनी बेटी के साथ मैं यहाँ गई थी। उसे युनिवर्सल स्टूडियोज़ इतना पसंद आया कि हम हर एक राइड पर कई बार बैठे। सिंगापुर केवल छोटों के लिए ही नहीं है! अपने पिछले दौरे पर, मैंने सेंटोसा में नए टिप्सी यूनिकॉर्न नाइटक्लब में एडल्ट्स पूल पार्टी देखी और यहाँ पर शानदार सी रिसॉर्ट्स भी हैं जो वास्तव में हनीमून डेस्टिनेशन के रूप में आदर्श स्थान हैं। मनोरंजक स्पा ट्रीटमेंट से लेकर रूफटॉप बार्स तक यहां पर शानदार नजारा देखने को मिलता है, खुद को सुकून देने के उपायों की यहां कोई कमी नहीं है।शालीनता भरे जीवन का अनुभव लेने के लिए सिंगापुर के आलीशान होटलों जैसे मरीना बे सैंड्स या द फुलर्टन होटल में बुकिंग का विचार करें, जहां पर आपको बेजोड सेवा और ऐशोआराम भरी सुविधाएं मिलती हैं।

मरिना बे सैंड्स सिंगापुर का शानदार होटल है जो अपने नाव जैसे आकार के लिए प्रसिद्ध है जो तीन टॉवर्स तथा इनफिनिटी पूल को जोडता है। मरीना बे सैंड्स या एमबीएस में स्कायलार्क से पूरे शहर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। वीणा वर्ल्ड की टूर्स पर अपने सहपर्यटकों के साथ स्काय पार्क से खूबसूरत नज़ारों का आनंद लीजिए।

अधिक सांस्कृतिक अनुभव के लिए वंशानुसार बसी बस्तियों में जाइए-जहाँ पर चीनी, मलय, भारतीय और यूरेशियन संस्कृतियाँ मिलजुल कर प्रेम से रहती हैं। चाइनाटाउन की व्यस्त गलियों में घूमिए जहाँ आप पारंपरिक स्नैक्स का आनंद ले सकते हैं और सुंदर स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं या फिर लिटल इंडिया की रंगीन गलियों में घूम सकते हैं जो भारत के भाव, ध्वनियों और खुशबुओं से सराबोर हैं।

सिंगापुर में हर दिन हमेशा व्यस्तता से भरा होता है, फिर चाहे मैं यहाँ काम के लिए आऊं या आनंद के लिए। जब मैं अपना काम खत्म कर लेती हूँ सिंगापुर के आसमान पर सूर्य अस्ताचल की ओर बढ़ने लगता है। इस समय पर मैं ऐतिहासिक सिंगापुर नदी में परंपरागत बमबोट में सैर करती हूँ। मुझे नदी में नाव की सवारी करना अच्छा लगता है। जब नदी शहर के बीच होकर गुजरती है तब वह नजारा मोहक होता है। यह शहर से परिचित होने का एक सुकून भरा और आरामदायक तरीका है। लार्क क्वे और बोट क्वे जैसे प्रसिद्ध स्थानों से गुजरते हुए मैं पानी की सतह पर नर्तन करते प्रतिबिंबों को अचंभित होकर निहारती हूँ। शहर की सुंदर गगनचुंबी इमारतें जगमगाती रोशनी से सजी हैं। जैसे जैसे दिन खत्म होता है, मुझे शांति और निस्तब्धता का एहसास होता है। पुराने और नए, परंपरा तथा आधुनिकता के मेल का आनंद आप यहाँ पर ले सकते हैं जो सिंगापुर को परिभाषित करता है। और यही बात मुझे यहाँ पर जल्द ही फिर से लौटने के लिए प्रेरित करती है ताकि मैं सिंगापुर को फिर से निहार सकूँ। यह खूबसूरत देश हमेशा अपने आपको आविष्कृत करता रहता है और आप अपनी अगली यात्रा पर इसके करिश्मे का फिर से अनुभव ले सकते हैं! तो आप कब रवाना हो रहे हैं?

March 15, 2024

Author

Sunila Patil
Sunila Patil

Sunila Patil, the founder and Chief Product Officer at Veena World, holds a master's degree in physiotherapy. She proudly served as India's first and only Aussie Specialist Ambassador, bringing her extensive expertise to the realm of travel. With a remarkable journey, she has explored all seven continents, including Antarctica, spanning over 80 countries. Here's sharing the best moments from her extensive travels. Through her insightful writing, she gives readers a fascinating look into her experiences.

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