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हजार मीनारों का शहर

9 mins. read

Published in the Saturday Navbharat Times - Page No. 3 on 13 January, 2024

-इस शहर की सैर आपकी आत्मा को मंत्रमुग्ध करनेवाली कहानियों के आनंद का अनुभव कराती है।

हाल ही में, मैंने एक खबर पढ़ी जो रक्त में ऑक्सीजन मापने के बारे में हुए किसी पैटेंट संबंधी विवाद के कारण एप्पल द्वारा अपनी नवीनतम एप्पल वॉचेस को वापस लेने से जुड़ी थी. भला कौन सोच सकता था कि हमारी कलाई की शोभा बढ़ानेवाली घड़ी किसी दिन समय बताने के अलावा एक अत्याधुनिक मशीन में तब्दील हो जाएगी. वैसे घड़ियों की समय बताने से भी आगे जाकर काम करने की क्षमता आधुनिक टेक्नोलॉजी की देन है लेकिन घड़ी बनाने की कला यानी होरोलॉजी या समय मापने का अध्ययन १४५० ई.पू. का है, जब मिस्र के लोगों ने पृथ्वी की स्वाभाविक गति की लय का अवलोकन शुरू किया था. जब मैं यूरोप के प्राग शहर के पुराने चौराहे पर खड़ी होकर १४१० में निर्मित वास्तुशिल्प और खगोलीय कलाकृतियों को निहार रही थी तब आश्चर्य और उत्कंठा की लहर ने मुझे घेर लिया. आखिर घड़ी पर कंकाल मैने पहली बार देखा था जो हर आने जानेवाले को पृथ्वी पर उसके सीमित समय की याद दिला रहा था!

मैं प्राग एस्ट्रोनॉमिकल क्लॉक को देख रही थी जिसे ओर्लोज भी कहा जाता है. यह प्राग के ओल्ड टाउन हॉल पर लगाया गया है. यह आश्चर्यकारी क्लॉक दुनिया की सबसे पुरानी खगोलीय घड़ी या क्लॉक है जो आज भी काम कर रही है. घड़ी को निकटता से निहारने पर मैने देखा कि पृथ्वी गर्व से मध्य में बैठी है और सूर्य पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर काट रहा है, जो उस जमाने की भूकेंद्रित मान्यताओं का प्रतीक था जब वैज्ञानिक समझ भ्रांतियों और रहस्यवाद के साथ गुंथी हुई थी.

ये घड़ी न केवल समय बताती थी बल्कि वह सूर्योदय का समय, चंद्रमा की कलाओं का समय भी दर्शाती थी और जीवन दर्शन का पाठ भी पढ़ाती थी! जैसे ही घडी में एक घंटा पूरा हुआ, हमने एक अद्भुत चमत्कार देखा! घड़ी को घेरी हुई चार आकृतियाँ गति में लगाई गई थीं; जो चार बातों की तरफ इशारा करती थीं जिन्हें घड़ी निर्माण के समय समाज द्वारा तुच्छ माना जाता था. पहली आकृति घमंड को प्रदर्शित करती थी जिसमें एक मानवाकृति आईने के सामने अपने रूप को देख रही है, अगली आकृति हाथ में सोने की थैली थामे हुए व्यक्ति की थी जो लोभ का प्रतीक था. संपूर्ण घड़ी पर मृत्यु खड़ी थी, एक मानव कंकाल हर घंटे समय का इशारा करता था. अंत में, एक टर्किश आकृति थी जो वासना और भौतिक सुखों का प्रतीक थी. एक घंटा होने पर कंकाल घंटी बजाता और तुरंत अन्य सभी आकृतियाँ एक एक कर अपना सिर हिलाने लगतीं जो चले जाने’ की उनकी अनिच्छा को प्रदर्शित करता था. मृत्यु को स्वीकार करने से झिझकने का प्रतीक बनी वे आकृतियाँ मृत्यु को नकारते हुए अपना सिर हिला रही थीं, जो जीवन के प्रति मानवीय स्वभाव और प्रवृत्ति को प्रतिध्वनित कर रहा था.

मैंने प्राग के पुराने टाउन स्क्वेयर को घूमकर देखा और पाया कि यह चौक केवल इमारतों का झुरमुट नहीं है बल्कि यह सांस्कृति और सामाजिक जीवन का जीवंत केंद्र है. वहां एक ऐतिहासिक बग्घी कुछ पर्यटकों को शहर घुमाने के लिए ले जाती दिखाई दी जो इस प्राचीन संसार के भाव को जीवंत बना रही थी! कभी कभी शहर की कहानी को समझने के लिए आपको इतिहास के सैकड़ों पृष्ठ पढ़ने पड़ते हैं लेकिन यहाँ प्राग में ओल्ड टाउन स्क्वेयर पर बिताया हुआ एक घंटा शहर के समृद्ध इतिहास और वास्तुकला की भव्यवता का जीवंत प्रतीक था. यह चौराहा गॉथिक, बारोक, रोमानेस्क और रोकोको जैसी विभिन्न वास्तुशिल्पों से निर्मित इमारतों से घिरा है जो प्राग की क्रमिक उत्क्रांति के विविधतापूर्ण अध्यायों को आपके समक्ष रखती हैं.

मैं पिछले वर्ष क्रिसमस से ठीक पहले प्राग गई थी और वहाँ मैंने पाया कि ओल्ड टाउन से लेकर वेन्सेस्लास स्क्वेयर तक सारा प्राग ही क्रिसमस के मौके पर सजे बाजारों, रंगबिरंगी रोशनियों और गर्म की हुई मल्ड वाइन की मधुर सुगंध के साथ ठंडी के उस मौसम में एक जादुई दुनिया में प्रवेश करने जैसा लग रहा था. प्राग की पुराने पत्थर से बनी गलियों में घुमते समय आपको ध्यान में आएगा कि क्यों इस शहर को मिला ’सिटी ऑफ थाउजंड स्पायर्स’ (हजार मीनारों का शहर) का नाम सार्थक लगता है. संकरी गलियों से गुजरते समय मैं बोहेमियन क्रिस्टल और पोर्सिलेन की दुकानों के आकर्षण में पड़ने से खुद को रोक नहीं पाई।

प्राग में मेरा अगला मुकाम था चार्ल्स ब्रिज. चार्ल्स ब्रिज पर खड़े होकर मैं प्राग शहर की सदाबहार खूबसूरती में डूब गई. १४ वीं सदी में निर्मित यह सुविख्यात ब्रिज पुराने शहर को लेसर टाउन से जोड़ता है और कासल डिस्ट्रिक्ट होम को भव्य हृाडकैनी कासल से जोड़ता है. चार्ल्स ब्रिज पर चलते हुए मैंने खुद को ३० संतों की प्रतिमाओं से घिरा पाया और साथ ही दिख रही थी बारोक शैली की कला जिसने ब्रिज पर ऐतिहासिक कथानकों को स्पष्टता से चित्रित किया था. यह गोथिक वास्तुशिल्प का एक उत्कृष्ट नमूना था. व्लटावा नदी के दोनों तरफ फैला प्राग कासल और शहर का विस्तृत नज़ारा सचमुच में लोमहर्षक है, और मैं इस सुंदरता को स्तब्ध होकर निहारती ही रही! कासल डिस्ट्रिक्ट की सैर करते हुए चेक रिपब्लिक में बनी लकडी की वस्तुएं और खिलौने बेचनेवाली दुकानों में समय बिताना मुझे बहुत अच्छा लगा. मुझे स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने का भी मौका मिला. यहां की गलियों में बिकनेवाले चिमनी कोन्स और कोलाचे डेज़र्ट का मैं खास उल्लेख करना चाहूंगी जो अनगिनत आधुनिक मीठे और जायकेदार फ्लेवर्स में मिलते हैं।

चेक लोगों की नसों में सदियों से आविष्कारों और खोजों की प्रवृत्ति चलती आई है तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं. अगर यहां पर अल्बर्ट आइंस्टाइन जैसे अत्यंत बुद्धिमान व्यक्तियों ने पढ़ाया था और सुप्रसिद्ध संगीतकार अमेडिअस वूल्फगैंग मोजार्ट इन्होंने अपना डॉन जियोवनी ओपेरा यहाँ लाया तो इसमें आश्चर्य नहीं करना चाहिए. शहर में घूमते समय मैने एक और महान चेक संगीतकार एंटोनिन द्वोराक की प्रतिमा देखी, जिनकी न्यू वर्ल्ड सिंफनी का उपयोग स्टार वॉर्स और जॉज़ जैसे लोकप्रिय मूवी थीम्स में किया गया है. यहां मुझे प्राग के बोहेमियन यहूदी उपन्यासकार फ्रैंज़ काफ्का के पदचिन्हों पर भी चलने का मौका मिला, जिन्हें २० वी शताब्दि के साहित्य का सशक्त हस्ताक्षर माना जाता है.

यहां कदम कदम पर मुझे चेक लोगों के आविष्कारों ने अभिभूत किया. रोबो’ शब्द से लेकर आय कॉन्टैक्ट् लेन्स, चार ब्लड ग्रुप्स, प्रेस बटन, शिप के प्रोपेलर, बीयर की ग्लास और शुगर क्यूब तक की खोजों से आप यहां पर अवगत होते हैं. शुगर क्यूब सचमुच में एक ऐसा आविष्कार था जिसने हमारी रोज़ाना की जिंदगी में मधुरता भर दी. एक चेक उद्यमी जैकब क्रिस्टोफ राड ने १८४१ में शुगर क्यूब्स का आविष्कार किया था क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि एक बार उनकी पत्नी को शक्कर तोड़ते समय चोट लग गई थी। प्राग की सैर आपकी घुमक्कडी के जज्बे को तो संतुष्ट करती ही है और साथ ही आपकी आत्मा भी मंत्रमुग्ध करनेवाली कहानियों से आनंद का अनुभव भी कराती है.

वीणा वर्ल्ड में जब हम एक कॉर्पोरेट के लिए सभी ऐतिहासिक स्थलों को देखने के साथ ही इंसेंटिव टूर आयटिनरी की योजना बना रहे थे तब उस टूर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था बीयर फैक्ट्री घूमना! और हो भी क्यों नहीं? आखिर दुनिया में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति बीयर की खपत का कीर्तिमान चेक गणराज्य के नाम ही है. चेक राज्य के घरों में बीयर बनाने की परंपरा प्राचीन काल से रही है जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे चलती चली आई. कई चेक परिवार अपने होमब्रूइंग कौशल पर गर्व करते हैं और उनके पास ऐसी विधियाँ और तकनीकें हैं जो उन्हें पुश्तैनी रूप में प्राप्त हुई हैं और पुरखों के माध्यम से वर्तमान संतानों तक चली आई हैं.  पिल्सनर और असली बडवाइज़र की जन्मस्थली चेक रिपब्लिक सचमुच में बीयर के शौकीनों के लिए स्वर्ग है.

प्राग के साथ ही आपके पर्यटन की सूची में दूसरा बडा शहर ब्रनो, कार्लोवी वैरी की स्पा नगरी और सुरम्य दक्षिणी बोहेमियन नगर चेस्की क्रुम्लोव का स्थान होना चाहिए! वीणा वर्ल्ड की सेंट्रल यूरोप की टूर आपको प्राग के साथ अन्य चार पड़ोसी देशों के प्रमुख और खूबसूरत शहर जैसे विएना, ब्रातिस्लावा और बुडापेस्ट में घूमने का मौका भी देता है जो आपके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव हो सकता है!

January 12, 2024

Author

Sunila Patil
Sunila Patil

Sunila Patil, the founder and Chief Product Officer at Veena World, holds a master's degree in physiotherapy. She proudly served as India's first and only Aussie Specialist Ambassador, bringing her extensive expertise to the realm of travel. With a remarkable journey, she has explored all seven continents, including Antarctica, spanning over 80 countries. Here's sharing the best moments from her extensive travels. Through her insightful writing, she gives readers a fascinating look into her experiences.

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